गणतंत्र दिवस की ढेर सारी बधाइयाँ . . . My poems, my thoughts, social issues .... this blog is just about whats going on in my mind, in that particular moment.... गणतंत्र, यानि की लोकतंत्र!
और लोकतंत्र होता है, जनमानस का तंत्र
इक ऐसा तंत्र जहाँ पर देश के सत्ता आम आदमी के हाथ पर होती है
क्या भारत के साथ ऐसा है?
किताबी तौर पर तो ऐसा ही है, पर सही मायनों में ऐसा है क्या?
हमारे उत्तराखंड राज्य में ४ दिन बाद ३० जनवरी को विधान सभा के आम चुनाव है
और यही तो लोकतंत्र की सबसे बड़ी देन है, की हमे अपने नुमाइंदे चुनने का अधिकार है!
पर विडम्बना ये है की हम जो नुमाइंदे चुन्न के भेजते है,
वो ही इस लोकतंत्र को राजतंत्र मैं तब्दील कर देते है, और हम,
२६ जनवरी को कुछ फिल्मी गीत बजाकर, मिठाई बाट कर,
खुश हो लेते है की हम सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे है !
खैर – आप सब को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी बधाइयाँ, मुह मीठा कीजिये और छुट्टी मनाइए!
क्योंकि हमे अपने भारतीय होने पर गर्व है .. . .
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