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बस एक तू छोड़ के गया है मुझे . . .

My poems, my thoughts, social issues ....
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बस एक तू छोड़ के गया है मुझे
लगता है यूँ,
जैसे हर कारवां गुजर गया है!

राह पहले तो न थी मुस्किल इतनी
ये ज़िन्दगी,
पहले भी तनहा गुजारी है मैंने!

तेरे जाने का रंज नहीं है
बस सिकायत है,
क्यों जाते-जाते अपनी यादें दे गया!

अब कैसे कटेगी जीस्त ये खबर नहीं
इतना पता है,
पेश्तर तेरे मिलने से इसे जिया है मैंने!

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