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तेरी उदास आँखें परेशान करती है . . .

My poems, my thoughts, social issues ....
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ये उदास आँखें परेशान करती है !

तेरी भीगी पलकें परेशान करती है,
रुखसार पर सूखती नम लकीरें
बिखरी जुल्फों की उलझी लटें
लरजते लबों पर जो सिसकती है,
वो खामोश आहें परेशान करती है !
ये उदास आँखें परेशान करती है . . .


तेरी थमती साँसें परेशान करती है,
छुपाई डायरी के अनछुए हर्फ़
तकिये के नीचे वो बेनाम ख़त
तनहा झरोखों पर एक आलेली,
भीगती हुई शाम परेशान करती है !
ये उदास आँखें परेशान करती है . . .


तेरी खामोश जुबान परेशान करती है,
ज़ज्बातों से महकी मेरी चाहत
और कुछ ख्वहिशें बहकती हुई
तमन्नाये दिल की बयान करती,
मेरी मासूम खताएं परेशान करती है !
ये उदास आँखें परेशान करती है . . .

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