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प्यार क्या है? – “Valentine Contest”

My poems, my thoughts, social issues ....
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वेलेंटाइन  डे कांटेस्ट में ये मेरा पहला लेख है!


बहुत दिनों से सोच रहा था कुछ लिखू पर लिख नहीं सका सायद इसलिए की अब प्यार का मतलब सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका प्यार तक ही सिमट गया है, और मेरी नज़र में तो प्यार बस प्यार
है चाहे वो किसी लड़की/लड़के से हो या फिर कोई और! प्यार क्या है ये काफी मुश्किल सवाल है, कम से कम मेरे लिए तो है ही! मैं आज तक सही मायनो में प्यार को शब्दों में नहीं बयान कर पाया हूँ! एक कोशिश कर रहा हूँ इसे शब्दों में ढलने की –

प्यार शायद दुनिया का सबसे हसीं शब्द है, जिसे सुनने भर से मेरी आँखों में ख़ुशी झलकने लगती है, उसके ख्याल भर से दिल इतना हल्का हो जाता है की, सारे ग़म पल में हवा हो जाते है! और अगर वो मिल ही जाये तो फिर क्या कहिये? खुदा की बनायीं सबसे हसीं ख़ुशी मेरे दामन में होगी!

इसी सिलसिले में कुछ लाइन लिखी हैं उम्मीद है आपको पसंद आएगी-

प्यार क्या है लफ़्ज़ों में नहीं बयान कर पाउँगा
कोई पूछे तो बस, तुम्हे ही शब्दों में ढालूँगा!

कहीं पड़ा, ये एक जज्बा है
जो किसी सागर से भी गहरा है
तब याद आई वो नीली आँखें
क्या प्यार इनसे भी गहरा है?

सुनते है, प्यार तो बस नशा है
महकता जिससे सारा जहाँ है
उफ़ –
वो लब वो मीठी सी तब्बसुम
क्या –
इससे बढ़ के भी मदहोशी है कही

तेरी जुल्फों की घटा
तेरी वो हर एक अदा
लम्स होता था वो जादू भरा …..

सुनता हूँ हर कहीं-
प्यार हर रंग का एहसास है!

लिख तो दिया मैंने, मगर लिखते लिखते कोई आँखों के सामने आ गया है….

फरवरी के इस महीने में जहाँ प्यार की खुसबू हवाओं में हर कही बह रही है, सरसों के पीले फूलों में, हरे-हरे खेतो में “यस राज फिल्म्स” के रोमांटिक सीन दिखाई दे रहे है!
गुनगुनी धुप सेक कर अलसाई शाम हैं, और तारों को चिलमन से झाकती शरमाई हुई रात है!

फिर ऐसे में कैसे कोई यादों को खुद से अलग कर सकता है? मुझे बही एक हसीं याद आ गया है-
दिल भी कुछ और लिखने को मचलने लगा है, तो कुछ लाइन और आपकी नज्र है-

उल्फत खो गयी न जाने कहाँ
हर जगह तुझे ढूँढती मेरी आँखें,
कांच से भी नाजुक मेरे सपने
मेरे ख्यालों की ताबीर तेरी आँखे!

इश्क की जुबान मुझे मालूम नहीं
मेरे दिल की सदा ये मेरी आखें,
और कब तक सतायेंगी मुझे
झुकी शर्मो-हया समेटे तेरी आखें!

मुकम्मल तू प्यार का एक सागर है
और बूँद-बंद को तरसती मेरी आँखे,
लाख छुपाओ मगर हर बात कहती
मोहब्बत का इकरार करती तेरी आँखें!

वादों का भरम तो रख, पल भर को आ
कई रातों से सोई नहीं, मुन्तजिर मेरी आँखें
ऐसा न हो किसी सब की सहर न हो
फिर तलाशेंगी मुझे, भीगी हुई तेरी आँखें!


आप सब के प्यार के लिए तहे दिल से शुक्रिया

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